रुकना मेरी फितरत में नहीं…
रुकना मेरी फितरत में नहीं…
बंदिशों की बेड़ियों से आजाद हूं मैं
मनमौजी हूं, मतवाला हूं, मग्न हूं मैं अपनी ही मस्ती में
बादलों से कर ली है दोस्ती मैने, कभी-कभी तारों से मिलकर आता हूं
किसी में दम नहीं कि रोक ले मुझे...मैं थकता हूं, लेकिन थमता नहीं
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